Engine Over Heating Problem,car garam hone ka karan

ये पूरा लेख पढ़ने के बाद आपको वाहन ओवर हीटिंग
के बारे में दूसरी कोई लेख पढ़ने की जरूरत नहीं
होगी कोई भी सवाल नहीं बचेगा ये हमारा दावा है

Engine Over Heating Problem,car garam hone ka karan

कार और किसी भी वाहन का इंजन नार्मल सीमा तक गरम होता है इससे ज़्यादा
गरम होना ये आपके वाहन और आपकी जेब के लिए ज़्यादा घातक साबित हो
सकता इसकी गर्मी आपका पसीना छुड़ा सकती है पूरा इंजन सीज़ हो सकता है
आपके वाहन के नुकसान होने और सफर में होने वाली परेशानी से पहले ही आप
इससे बचने के लिए एक एक्सपर्ट मेकेनिक के द्वारा लिए निचे दिए गए सुझाव और टिप्स
को फॉलो कर कर इस खर्चे और अपने वाहन की लाइफ बढ़ा सकते है जानते है किन किन
कारणों से वाहन के इंजन गरम होते है और बड़े आसानी से आप इनसे बच सकते है.

रेडिएटर ,कूलिंग फैन,फैनबेल्ट ,Radiator and Cooling fan

 Why Engine Over Heat

रेडिएटर में अक्सर मामूली सी लीकेज हो जाये तो उसका जल्दी पता नहीं चलता जिससे
धीरे धीरे रेडिएटर का पानी कम हो जाता है और उसमे हवा बन जाती है जिससे इंजन
जल्दी गरम हो जाता है या कभी कभी रेडिएटर के कैप की सील कट जाती है जिससे
पानी बाहर गिरता है और गाड़ी गरम होती है कभी कभी कूलिंग फैन भी रुक जाये
या किसी वजह से टाइम पर नहीं चलता या उसका पंख टूट जाये या किसी किसी
वाहन में बेल्ट होती है जिससे पंखा चलता है वह बेल्ट टूट जाती है या ढीली हो जाती
है उससे भी गाड़ी गरम होने का कारण बनता है।

कूलेंट और होस पाइप लाइन Coolent Hose Pipe Line

कूलेंट और होस पाइप लाइन coolent hose pipe line

हम लोगो में से काफी लोग ऐसा करते है एक बार कूलेंट गाड़ी में डालकर भूल जाते है समझो
हमने गाड़ी में अमृत डाल दिया अब गाड़ी गरम नहीं होगी जबकि ऐसा नहीं होता इसको देखना
किलोमीटर इसकी क़्वालिटी चेक करना होता है इसकी मात्रा कम तो नहीं हुई बल्कि इसको हर
20 हज़ार पर बदलना होता और बीच बीच में इसका लेवल भी चेक करते रहना होता है कही कम
तो नहीं हुआ हमेशा हैवी ड्यूटी कूलेंट यूज़ करना चाहिए .होस पाइप ये वो लाइन होती है
जो इंजन को रेडियेटर से जोड़ती है और पुरे इंजन में पानी को पानी सप्लाई देती है ज़्यादा
समय हो जाने पे ये रबड़ के पाइप सुख कर हार्ड हो जाते है और इनमे पानी का रिसाव होने
लगता है जिस कारण गाड़ी गरम हो जाती है इन होस पाइप को भी समय पर चेक करते रहना
चाहिए।

थर्मोस्टेट वाल्व और वाटर पंप Thermostate valve And Water Pump

थर्मोस्टेट वाल्व और वाटर पंप thermostate valve and water pump
थर्मोस्टेट वाल्व इसको ज़्यादातर थर्मोस्टेट ही कहा जाता है इसका मुख्य काम गाड़ी
के इंजन के तापमान को ज़रूरत के हिसाब से मेंटेन करना होता है सर्दिओ और गर्मी
के मौसम में बहुत अहम् भूमिका निभाता है ये इंजन में पानी की सप्लाई को नियंत्रित कर
के रखता है ये ख़राब पानी और रेडिएटर में गंदगी के कारण या ज़्यादा पुराना हो जाने के
कारण जाम पड़ जाता है इससे भी गाड़ी गरम हो जाती है 2 वाटर पंप जिसको आम भाषा में
वाटर वाडी भी कहते है इसका काम पुरे इंजन में पानी को सप्लाई करना होता है इसके अंदर
बेरिंग रबड़,सील,पंखा,बुश,शाफ़्ट ये पार्ट्स होते है जिनमे एक भी ख़राब हो जाये पानी रिसने
लगता है तब भी गाड़ी गरम होने लगती है.

इंजन ऑयल एयर फ़िल्टर चौक होना Engine Oil And Air Filter Blocked

इंजन ऑयल का कम होना या एयर फ़िल्टर चौक होना इंजन ऑयल और कूलेंट
और कूलेंट का एक लेवल बिंदु दिया होता है जहा मैक्सिमम और मिनिमम का
मार्क होता है अगर इंजन ऑयल वहाँ से ज़्यादा निचे पंहुचा उसके कारण इंजन
में चिकनाहट कम होने की वजह से अंदर के पार्ट्स ज़्यादा घिसावट करेंगे
जिसके कारण इंजन बहुत गरम और सीज़ हो सकता है (2) एयर फिल्टर में
ज़्यादा धूल मिटटी भरी होगी जिससे इंजन को खुलकर एयर नहीं मिलेगी जिससे
उसका पिकप भी कम होगा जिस कारण इंजन पर ज़्यादा बल पड़ेगा और
वह गरम होने लगेगा समय समय पर अपने कार और वाहनों के एयर फ़िल्टर
और आयल के लेवल को चेक करते रहना आवश्यक होता है .

पहियों का जाम होना या ओवरलोडिंग

कभी कभी गाड़ी को ज़्यादा ओवरलोड कर लेते है उसका असर सीधा
इंजन पर पड़ता है जिसका नतीजा गाड़ी गरम होने लगती है या कभी
कभी कुछ टेक्नीकल वजह से ब्रेक चिपक जाते है या पानी जाने के कारण
ब्रेक्स लाइनर फूल जाते है जिससे ब्रेक हब में चिपक जाते है और हम
उसको जबरन चलाने की कोशिश करते है उससे भी वाहन पर ज़ोर
पड़ता है और इंजन ओवरहीटिंग करने लगता है।

रेडियेटर क्लीनिंग, हेड गैस्केट,हवा बनना

कभी कभी पानी खत्म होने पर या कम होने पर रेडियेटर में एयर बन जाती
है पानी की कमी बन जाती है जिसकी वजह से भी गाड़ी गरम होती है
उस एयर को पानी डालकर निकाल देना चाहिए पानी को पूरा कर देना
चाहिए।
खारा पानी या कच्चा लाल पानी कभी भी अपनी गाड़ी में नहीं डालना चाहिए
उसका नुकसान ये होता है आपकी गाड़ी का रेडियेटर की नालिया बंद कर
देता है उसमे गंदगी जमा हो जाती है जो पानी के सर्कुलेशन को रोक देती है
जिसकी वजह से इंजन गरम हो जाता है और ज़्यादा ओवर हीट होने
पर गाड़ी का हेड गैस्केट जल जाता है या फट जाता है जिसका बहुत तगड़ा
खर्च उठाना पड़ता है बाद में और गाड़ी के इंजन की परफॉर्मेंस भी पहले
के जैसे नहीं रहती

इसी विषय में सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवाल जवाब

1- गाड़ी ज्यादा गर्म होने पर क्या करें?
अगर मोटरवे पर कार ज्यादा गर्म हो जाए तो क्या करें?

सबसे पहले गाड़ी की ऐसी बंद करे फिर गाड़ी साइड में लगाए और बोनेट खोल दे
और इंजन को बंद दे रेडियेटर के कैप को गलती से भी न खोले गाड़ी के नीचे पानी
की लीक चेक करे और रेडियेटर पर ऊपर से पानी डालें और इंजन के
गर्मी को घटाए और नज़दीक के मेकेनिक को चेक कराये गाड़ी को खिचवा के
ले कर जाये इससे आपका इंजन सेफ रह सकता है।


2-इंजन के ज्यादा गर्म होने का मुख्य कारण क्या है?

इसकी कई वजह हो सकती है लेकिन सबसे ज़्यादा पायी जाने वाली वजह
गाड़ी की कूलिंग सिस्टम से होती जिसका सही से काम नहीं करना
या पानी का रिसाव रेडियेटर की नालिया बंद होना

3-इंजन को ठंडा करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
अगर कोई कार ज्यादा गर्म हो जाए तो क्या होता है?
ज्यादा गर्म होने पर क्या इंजन बंद हो जाएगा?

गाड़ी को सबसे पहले साइड में लगाकर उसका बोनेट ओपन कर दे
जिससे इंजन को हवा लगेगी और इंजन जल्दी ठंडा होगा इसके अलावा
दूसरा आप दूसरा ये भी कर सकते है जिससे आपकी कार की बैटरी
डाउन पड़ सकती है आप गाड़ी का स्विच चालू रखे जिससे आपकी
गाड़ी का कूलिंग फैन चलता रहेगा जिससे 10-15 मिनट में ही आपकी गाड़ी
नार्मल टेम्प पर आजायेगी और साथ में रेडियेटर पर पानी डालते रहे इंजन
पर नहीं डाले और न ही रेडियेटर कैप खोले ।

अगर कोई कार या वाहन ज़्यादा गरम हो जाता है तो ज़्यादा गर्मी के कारण
बंद हो जाता है या फिर उसके हेड गैसकिट जल या फट जाता हैं
अब नई नई गाड़िओ में ज़्यादा गरम होने पर गाड़ी रेस लेना पकड़ना बंद
कर देती है लेकिन बहुत ज़्यादा गरम होने पर इंजन सीज़ हो जाता है इंजन
के पिस्टन सिकुड़ जाते है या पिघल के चिपक जाते है और गाड़ी स्टार्ट नहीं होती
इंजन जाम हो जाता है।

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