highest range electric car in india:2024 मे ये मिलेगी दुनिया की सबसे ज्यादा किफायती कार जो 20mint मे 80%होती है चार्ज

highest range electric car in indiaदुनिया भर में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के अंदर एक नयी लहर आ गयी है अब इलेक्ट्रिक वीइकल को लेकर ज्यादातर कंपनियां काम कर रही है। साथ ही फोकस कर रही इन इलेक्ट्रिक कारों को सस्ते से सस्ता और ज्यादा से ज्यादा माइलेज रेन्ज वाला बेहतर बनाया जा सके इस पर भी काम किया जा रहा है।

इस बीच फॉक्सवैगन की ओनरशिप वाली चीनी वेहिकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जैक मोटर्स अपने नयी वे ब्रैंड के तहत सोडियम आयन बैटरी से लैस अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार का अनाउंस कर दिया है आपको बताते चलें फॉक्सवैगन ने जैक मोटर्स के साथ 2020 मे 25 फ़ीसदी हिस्सेदारी की है। कंपनी इस कार को अगले महीने यानी जनवरी 2024 में लोकल मार्केट में रोलआउट करेगी। हालांकि कंपनी ने अभी तक कोई फिक्स डेट का एलान नहीं किया है|
ये भी चार डोर वाली एक छोटी हैचबैक कार होने वाली है इसमें हिना (hi na) सोडियम बैटरी दी गई है। इसकी बैट्री करीब 20 मिनट में 10% से 80% तक चार्ज हो जाती है। ये एक बार चार्ज करने पर 250 किलोमीटर की दूरी का सफर आराम से करा सकती है।

व्हीकल उद्योग मे बवाल मचा सकती है ये कार


सोडियम आयन बैटरी वाली इस कार को लेकर ईवी कंपनी के प्रेज़िडेंट जिया सोनी ने बताया कि सोडियम बैटरी लागत में काफी सस्ती और टिकाऊ होने के कारण इलेक्ट्रिक वीइकल को लीडिंग पोज़ीशन पर लाने में मदद करेगी।जिससे आने वाले समय मे कार की ख्वाहिश रखने वाले गरीब से गरीब लोग भी कार रखने के ख्वाब को पूरा कर सकेंगे नई ईवीएम में उपयोग की गईं हिना बैटरी में बेलनाकार आकार की सोडियम आयन सेल का उपयोग किया है। बैट्रियों को कंपनी के मॉड्युलर यूनिट कैप्सूल एशन हनीकॉम्ब संरचना में असेंबल किया है। ये लेआउट बैटरी को अधिक स्थिरता और नया लुक प्रदान कर सकता है। फिलहाल इसकी कीमत को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन ये नॉर्मल इलेक्ट्रिक कार की तुलना में अधिक सस्ती होगी
क्या है ये नयी तकनीक

जाने क्या है यह तकनीक


आजकल इलेक्ट्रॉनिक वाहनों मे मोजूदा बैट्री तकनीक लिथियम-आयन की बैट्री चलती है जिसके मुकाबले मे सोडियम-आयन बैटरियों में कम ऊर्जा घनत्व होता है, उनके अन्य काफी फायदे हैं जैसे कम तापमान मे भी बेहतर प्रदर्शन, कम चार्जिंग समय लंबा समय तक चलने वाली और बिना किसी गिरावट के बार बार चार्ज करने पर उनमे सालो साल कोई दिक्कत नहीं होती । इस तकनीक की बैट्री मे ज़्यादा गरम होने पर बैट्री के फटने व अन्य खराबियों का खतरा भी कम होता है, जिससे वे बड़े पैमाने पर एनर्जी भंडारण के लिए एक बेहतर और सेफ्टी का विकल्प बन जाती हैं।

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